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पूर्व विश्व नंबर एक सायना नेहवाल ने ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता पीवी सिंधू को शनिवार को लगातार गेमों में 21-18, 21-15 से हराकर 83वीं सीनियर राष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता में अपना खिताब बरकरार रखा। दूसरी वरीय सायना ने टॉप सीड सिधू को 44 मिनट में पराजित कर खुद को फिर से राष्ट्रीय क्वीन साबित किया है। सायना ने चौथी बार यह खिताब जीता है। पुरुष एकल वर्ग में पूर्व विजेता सौरभ वर्मा ने युवा स्टार लक्ष्य सेन को 44 मिनट में 21-18, 21-13 से हराकर तीसरी बार खिताब अपने नाम किया। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और भारतीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष हिमांता बिस्वा सरमा ने विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया। एकल विजेता को 3.25 लाख रुपए मिले जबकि उपविजेता को 1.7 लाख रुपए मिले। सेमीफाइनलिस्ट को 62,500 रुपए और क्वार्टरफाइनलिस्ट को 27,500 रुपए मिले। सायना ने 2017 में पिछली राष्ट्रीय चैंपियनशिप के फाइनल में भी सिंधू को हराकर खिताब जीता था और इस बार भी उन्होंने सिंधू को फाइनल में लगातार गेमों में शिकस्त दे दी। उम्मीद की जा रही थी कि 2018 के अंत में दुनिया की शीर्ष आठ खिलाड़ियों का टूर्नामेंट जीतने वाली सिंधू सायना से पिछली हार का बदला चुकाएंगी लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल पायी। विश्व रैंकिंग में नौवें नंबर की सायना ने छठीं रैंकिंग की सिंधू को लगातार गेमों में पराजित कर चौथी बार राष्ट्रीय खिताब जीत लिया। सायना ने इससे पहले 2006, 2007 और 2017 में यह खिताब जीता था। वर्ष 2011 और 2013 में चैंपियन रहीं सिंधू का तीसरी बार राष्ट्रीय खिताब जीतने का सपना पूरा नहीं होे पाया। सायना ने पिछले साल गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में भी सिंधू को पराजित कर स्वर्ण पदक जीता था। फाइनल में सिंधू ने पहला अंक लिया और जल्द ही 3-0 की बढ़त बना ली। सायना ने वापसी करते हुए स्कोर 5-5 से बराबर किया। सिधू ने फिर 10-9 की बढ़त बनाई जबकि सायना पहले ब्रेक पर 11-10 से आगे हो गई। सायना ने यहां से पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपनी बढ़त को 15-11 और 18-15 पहुंचा दिया। इस बीच स्टेडियम में बिजली की गड़बड़ी के कारण कुछ देर के लिए खेल रुका। खेल शुरु होने पर सिंधू ने लगातार दो अंक लिए और स्कोर 17-18 कर दिया। लेकिन सायना ने अपनी पकड़ बनाए रखते हुए पहला गेम 21-18 पर समाप्त किया। दूसरे गेम में सिंधू 5-3 से आगे हुईं लेकिन सायना ने 5-5 से बराबरी की। स्कोर फिर 7-7 पर बराबर हुआ। पहले गेम की तरह दूसरे गेम में भी सायना ब्रेक पर 11-9 से आगे थीं। सायना ने सिंधू को गलतियां करने पर मजबूर किया और अपनी बढ़त को 15-12 पहुंचा दिया। सायना ने बढ़त को 19-13 पहुंचाने के बाद 21-15 से यह गेम समाप्त करते हुए अपना चौथा राष्ट्रीय खिताब जीत लिया। पुरुष वर्ग में विश्व रैंकिंग में 55वें नंबर के खिलाड़ी सौरभ वर्मा ने तीसरी बार राष्ट्रीय खिताब जीत लिया। सौरभ ने 106वीं रैंकिंग के लक्ष्य सेन को 44 मिनट में 21-18, 21-13 से हराया। सौरभ ने इससे पहले 2011 और 2017 में यह खिताब जीता था। सौरभ ने 2017 के फाइनल में भी लक्ष्य को हराया था। एशियन जूनियर चैंपियन लक्ष्य सेन ने पहले गेम में कुछ संघर्ष किया लेकिन फिर दूसरे गेम में उन्होंने अपने हथियार डाल दिए। सौरभ इस तरह फिर राष्ट्रीय चैंपियन बन गए। इस बीच पुरुष युगल में दूसरी सीड प्रणव जैरी चौपड़ा और चिराग ने फाइनल में टॉप सीड अर्जुन एमआर और श्लोक रामचंद्रन को 33 मिनट में 21-13, 22-2० से हराकर खिताब जीता। महिला युगल का खिताब शिखा गौतम और अश्विनी ने जीता। शिखा गौतम और अश्विनी भS ने टाप सीड मेघना जे और पूर्विशा राम को 38 मिनट में 21-16, 22-20 से हराया। मिश्रित युगल में मनु अत्री तथा मनीषा के ने टाप सीड रोहन कपूर और कुहू गर्ग को 57 मिनट में 18-21, 21-17, 21-16 से हराकर खिताब अपने नाम किया। टूर्नामेंट के पांच फाइनल में से चार में शीर्ष वरीय खिलाड़ियों को हार का सामना करना पड़ा।
17 Feb, 2019
आगे पढ़ऐबेंगलुरू। अब्राहम डिविलियर्स (57) और क्विंटन डी कॉक (45) की बेहतरीन पारियों के दम पर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर ने कल एम.ए. चिदम्बरम स्टेडियम में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें संस्करण में अपना जीत का खाता खोला है। बेंगलोर ने रोचक मुकाबले में किंग्स इलेवन पंजाब को चार विकेट से मात दी। पंजाब ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मेजबान बेंगलोर के सामने 156 रनों का लक्ष्य रखा था, जिसे बेंगलोर ने तीन गेंद बाकी रहते हुए छह विकेट खोकर हासिल कर लिया। डिविलियर्स ने अहम समय पर 40 गेंदों में दो चौके और चार छक्कों की मदद से अर्धशतकीय पारी खेली। इसमें मनदीप सिंह ने उनका बखूबी साथ दिया। मनदीप ने एक छोर संभाले रखते हुए 19 गेंदों में एक चौके की मदद से 22 रन बनाए। अक्षर पटेल ने बेंगलोर को अच्छी शुरुआत से वंचित रखा। उन्होंने पहले ही ओवर की दूसरी गेंद पर खतरनाक ब्रेंडन मैक्कलम को मुजीब उर रहमान के हाथों कैच कराया। एक रन के कुल स्कोर पर आउट होने वाले मैक्कलम खाता भी नहीं खोल पाए। विराट कोहली ने 16 गेंदों में चार चौकों की मदद से 21 रन बनाए, लेकिन 33 के कुल स्कोर पर वह रहमान की बेहतरीन गेंद पर बोल्ड हो गए। दूसरे छोर पर डी कॉक लगातार स्कोर बोर्ड चला रहे थे। डी कॉक अर्धशतक से पांच रन दूर थे तभी पंजाब के कप्तान रविचंद्रन अश्विन ने उन्हें बोल्ड कर दिया। उन्होंने अपनी पारी में 34 गेंदों का सामना किया और सात चौकों के अलावा एक छक्का भी लगाया। युवा बल्लेबाज सरफराज ने एक बार फिर निराश किया। वह अश्विन की गेंद पर स्लिप पर करुण नायर के हाथों लपके गए। दूसरे छोर पर खड़े डिविलियर्स पंजाब की मुसीबत बने हुए थे। मुकाबला रोचक होता जा रहा था और इसी बीच डिविलियर्स ने मुजीब द्वारा फेंके गए 17वें ओवर में दो शानदार छक्के जड़े। इस ओवर में मनदीप ने एक चौका मारा। मुजीब ने इस ओवर में कुल 19 रन लुटाए। डिविलियर्स हालांकि 19वें ओवर की पहली गेंद पर पवेलियन लौट लिए। इसी ओवर में मनदीप भी रन आउट हो गए। वॉशिंगटन सुंदर ने (नाबाद 9) ने आखिरी ओवर में दो चौके मारे अपनी टीम को जीत दिलाई। इसस पहले बेंगलोर के कप्तान कोहली ने टॉस जीतकर पंजाब को बल्लेबाजी का न्योता दिया। पंजाब को अच्छी शुरुआत मिली, लेकिन वो इसका फायदा नहीं उठा सकी और 19.2 ओवरों में सिर्फ 155 रनों पर ही ऑल आउट हो गई। पंजाब को इस स्कोर तक रोकने में तीन विकेट लेने वाले मेजबान टीम के तेज गेंदबाज उमेश यादव का अहम योगदान रहा। उन्होंने चार रनों के भीतर मेहमान टीम के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन भेजकर उसे बैकफुट पर धकेल किया जिससे वो कभी वापस नहीं आ पाई। बेंगलोर के लिए उमेश के अलावा क्रिस वोक्स, कुलवंत खेजोरोलिया, सुंदर को दो-दो विकेट मिले। युजवेंद्र चहल को एक सफलता मिली। मयंक अग्रवाल (15) और लोकेश राहुल ने पहले विकेट के लिए 3.1 ओवरों में ही 32 रन जोड़ लिए थे। चार रनों के भीतर तीन विकेट गिर जाने से पंजाब की पारी लडख़ड़ा गई। पहला विकेट मयंक के रूप में गिरा जिन्हें उमेश यादव ने विकेट के पीछे डी कॉक के हाथों कैच कराया। अगली गेेंद पर एरॉन फिंच उमेश की गेंद पर पगबाधा करार दे दिए गए। युवराज सिंह ने चार गेंदों में सिर्फ एक चौका मारा और उमेश की गेंद पर बोल्ड हो गए। दूसरे छोरे पर राहुल टिके थे। उन्हें करूण नायर का साथ मिला। दोनों ने टीम का स्कोर 94 पहुंचा दिया। राहुल तेजी से रन बना रहे थे, नायर उन्हें स्ट्राइक दे रहे थे। इन दोनों के बीच चौथे विकेट के लिए हुई 58 रनों की साझेदारी का अंत सुंदर ने राहुल को बोल्ड कर किया। राहुल ने 30 गेंदों में दो चौके और चार छक्कों की मदद से 47 रन बनाए। छह रन बाद नायर को खेजोरोलिया ने अपना शिकार बनाया। मार्कस स्टोइनस (11) को वॉशिंगटन सुंदर ने टिकने नहीं दिया और 110 के कुल स्कोर पर पवेलियन भेजा। खेजोरोलिया ने अक्षर पटेल (2) को 122 के कुल स्कोर पर अपना दूसरा शिकार बनाया। अश्विन ने अंत में 21 गेंदों में 33 रनों की पारी खेल पंजाब को 150 के पार पहुंचाया। वह 153 के कुल स्कोर पर चहल की गेंद पर आउट हुए। मुजीब उर रहमान के रूप में पंजाब ने अपना आखिरी विकेट खोया। रहमान खाता भी नहीं खोल सके।
14 Apr, 2018
आगे पढ़ऐगोल्ड कोस्ट (आस्ट्रेलिया)। 21वें राष्ट्रमंडल खेलों के 10वें दिन आज भारत की अच्छी शुरुआत रही। महिला मुक्केबाजी मैरी कोम के बाद शूटर संजीव राजपूत ने 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में गोल्ड मेडल निशाना साधा है। भारत के मुक्केबाज गौरव सोलंकी ने स्वर्ण पदक दिलाया है। गौरव ने पुरुषों की 52 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा के फाइनल में उत्तरी आयरलैंड के ब्रेंडन इरवाइन को 4-1 से मात देते हुए सोने का तमगा हासिल किया। इससे पहले मैरी कॉम ने महिला मुक्केबाजी की 45-48 किलोग्राम भारवर्ग के स्पर्धा का स्वर्ण अपने नाम कर लिया है। इस दिग्गज मुक्केबाज ने फाइनल में इंग्लैंड की क्रिस्टिना ओ हारा को 5-0 से मात देकर पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में पदक हासिल किया। मैरी कॉम ने पहले राउंड में सब्र दिखाया और मौकों का इंतजार किया। उन्हें मौके भी मिले जिसे उन्होंन अपने पंचों से बखूबी भुनाया। मैरी कॉम अपने बाएं जैब का अच्छा इस्तेमाल कर रही थीं। मैरी कॉर्म धीरे-धीरे आक्रामक हो रही थीं। दूसरे राउंड में मैरी कॉम ने अपना अंदाज जारी रखा। वहीं क्रिस्टिना कोशिश तो कर रहीं थी लेकिन उनके पंच चूक रहे थे। वहीं मैरी कॉम मुकबला आगे बढऩे के साथ और आक्रामक हो गईं और अब जैब के साथ अपने लेफ्ट हुक का भी अच्छा इस्तेमाल कर रही थीं। अब वह अपने फुटवर्क का अच्छा इस्तेमाल करते हुए क्रिस्टिना पर दबाव बनाए हुए थीं। तीसरे और अंतिम राउंड में क्रिस्टिना भी आक्रामक हो गई थीं और पांच बार की विश्व चैम्पियन को अच्छी टक्कर दे रही थीं, लेकिन मैरी कॉम ने अपना डिफेंस भी मजबूत रखते हुए जीत हासिल की।
14 Apr, 2018
आगे पढ़ऐगोल्डकोस्ट। बबीता कुमारी को इस बात का ग़म तो था ही कि वो यहां स्वर्ण पदक नहीं जीत पाईं, इस बात का ग़म ज़्यादा था कि पहली बार उनको लड़ते देखने विदेश आने के बावजूद उनके पिता महावीर सिंह फोगाट करारा स्टेडियम में नहीं घुस पाए। और तो और वो टीवी पर भी उन्हें लड़ते हुए नहीं देख पाए। गोल्डकोस्ट में हर खिलाड़ी को अपने परिजनों के लिए दो टिकट दिए गए हैं, लेकिन बबीता को वो टिकट नहीं मिल पाए। जब उन्होंने शेफ़ डे मिशन विक्रम सिसोदिया से शिक़ायत की तो उन्होंने बताया कि पहलवानों के सारे टिकट उनके कोच राजीव तोमर को दिए जा चुके हैं। उन्होंने ख़ुद अपने हाथों से पाँच टिकट तोमर को दिए हैं। तोमर से जब बबीता ने टिकट मांगा तो उनके पास कोई टिकट उपलब्ध नहीं था। महावीर सिंह फोगाट भारत में ख़ुद एक बड़े स्टार हैं, क्योंकि उन्होंने ही फोगाट बहनों को ट्रेनिंग देकर नामी पहलवान बनाया, लेकिन शायद भारतीय कुश्ती अधिकारी उनके इतने बड़े फ़ैन नहीं हैं। यहाँ कई खेल स्टार्स के माता पिता को भारतीय ओलंपिक संघ की तरफ़ से 'एक्रेडिटेशन' तक दिए गए हैं, लेकिन बबीता इस बात से दुखी थीं कि इतनी दूर आने के बावजूद उनके पिता को स्टेडियम के अंदर तक प्रवेश नहीं मिल पाया। आख़िर में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने उनकी मदद की और किसी तरह उन्हें एक टिकट दे दिया। लेकिन वो जब तक स्टेडियम के अंदर पहुँच पाते, बबीता का फ़ाइनल मैच समाप्त हो चुका था।
14 Apr, 2018
आगे पढ़ऐनई दिल्ली। आईपीएल हर साल कई क्रिकेटरों को एक नई पहचान देने का काम करती रही है। आईपीएल में दमदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी आज इंटरनेशनल क्रिकेट में खूब नाम कमा रहे हैं। भारतीय खिलाड़ियों की बात करें तो अजिंक्य रहाणे, हार्दिक पंड्या, जसप्रीत बुमराह, मनीष पांडे, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, जयदेव उनादकट, युजवेंद्र चगहल और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ी इस टूर्नामेंट के जरिए ही इंटरनेशनल क्रिकेट में जगह बनाने में सफलता हासिल की है। इस साल भी सभी टीमों में कुछ ऐसे खिलाड़ी मौजूद हैं जो अपने प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम में जगह बनाने की ख्वाहिश रखते हैं। उन्हीं नामों में एक नाम है आरसीबी के तेज गेंदबाज कुलवंत खेजरोलिया का। कुलवंत खेजरोलिया को इस साल विराट कोहली की कप्तानी में खेलने का मौका मिला है। पिछले साल कुलवंत को मुंबई की टीम ने 10 लाख रुपए में खरीदा था, लेकिन वो पूरे सीजन एक मैच भी नहीं खेल पाए थे। इस सीजन के पहले मैच में ही आरसीबी की तरफ से उन्हें खेलने का मौका मिला और उन्होंने इस मौके को दोनों हाथों से बटोर लिया। हालांकि, वह पहले मैच में विकेट लेने में सफल नहीं रहे, लेकिन उन्होंने अपनी गेंदबाजी से सभी को प्रभावित करने का काम जरूर किया। आईपीएल में आने से पहले गुजारा चलाने के लिए कुलवंत गोवा के एक रेस्टोरेंट में वेटर की नौकरी किया करते थे। राजस्थान के कुलवंत को क्रिकेट खेलना शुरू से ही पसंद था, लेकिन घर की फाइनेंशियल कंडीशन ठीक नहीं होने की वजह से वह ऐसा नहीं कर पा रहे थे। वेटर की नौकरी से तंग आकर कुलवंत ने वापस क्रिकेट खेलने का फैसला किया। साल 2016 में वेटर की नौकरी छोड़ कुलवंत दिल्ली आ गए। हालांकि, उन्होंने घरवालों को इसकी जानकारी नहीं दीं। उन्होंने घर में बताया कि वह अहमदाबाद जॉब करने जा रहे हैं, वहीं वो दिल्ली आकर अपने दोस्त के पास ठहर गए। आठ महीने दिल्ली में रहते हुए उन्होंने कई छोटे-मोटे क्रिकेट मैच खेले। इसके अलावा वो शनिवार और रविवार को अंपायरिंग किया करते थे, जिनसे उन्हें कुछ पैसे मिल जाया करते थे।
14 Apr, 2018
आगे पढ़ऐगोल्ड कोस्ट। भारत की स्टार शूटर तेजस्विनी सावंत ने अपने अचूक निशाने से देश को 15वां गोल्ड मेडल दिलाया। उन्होंने यह पदक महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में हासिल किया। इन कॉमनवेल्थ खेलों में यह उनका दूसरा पदक है। इससे पहले तेजस्विनी ने भारत को 50 मीटर राइफल प्रोन में सिल्वर मेडल जीता था। तेजस्विनी जो काम 50 मीटर राइफल प्रोन में नहीं कर कर सकी थीं, उसकी भारपाई उन्होंने सूद समेत 50 मीटर राइफल पोजिशन-3 के फाइनल में कर दी। इस इवेंट में उन्होंने कॉमनवेल्थ रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया। फाइनल मुकाबले में तेजस्विनी ने 457.9 अंकों के साथ टार्गेट हिट किए। कॉमनलेल्थ गेम्स में जीते सात पदक 37 साल की तेजस्विनी की गिनती देश के बेहतरीन शूटरों में होती है। उन्होंने पहली बार 2006 के मेलबर्न कॉमनवेल्थ खेलों में हिस्सा लिया था। तब से लेकर अबतक कॉमनवेल्थ गेम्स में तेजस्विनी शूटिंग की अगल-अलग कैटेगरी में कुल 7 पदक हासिल कर चुकी हैं। इसके अलावा 2009 म्यूनिख वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। 2010 वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। तेजस्विनी: कॉमनवेल्थ में कब-कब पदक -2018 गोल्डकोस्ट 50m राइफल पोजिशन-3 रैंक-1 -2018 गोल्डकोस्ट, 50m राइफल प्रोन, रैंक- 2 -2010 दिल्ली, पेयर्स 50m राइफल 3 पोजिशन, रैंक- 3 -2010 दिल्ली, 50m राइफल प्रोन, रैंक- 2 -2010 दिल्ली, पेयर्स 50m राइफल प्रोन, रैंक- 3 -2006 मेलबर्न, 10m एयर राइफल , रैंक- 1 -2006 मेलबर्न, पेयर्स 10m एयर राइफल , रैंक-1
14 Apr, 2018
आगे पढ़ऐगोल्डकोस्ट। ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में खेले जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में निशानेबाजी में 15 साल के अनीश भनवाला गोल्ड मेडल जीतने वाले सबसे युवा भारतीय बन गए हैं। अनीश ने 30 अंक हासिल कर 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने 2014 में ग्लाग्सो में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में ऑस्ट्रेलिया के डेविड चापमैन द्वारा बनाए रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। अनीश टीम के सबसे युवा खिलाड़ी हैं और उन्होंने पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स हिस्सा लिया। भले ही अनीश के पास गगन नारंग, जीतू राय, संजीव राजपूत जितना अनुभव नहीं रहा हो, लेकिन अनीश हमेशा अपने फॉर्म में रहे। हाल ही में उन्होंने आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। 25 मीटर रैपिड फायर इवेंट में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले अनीश कॉमनवेल्थ में आने से पहले अपने बोर्ड एग्जाम को लेकर चिंतित थे। इंटरनेशनल कैलेंडर और एग्जाम शेड्यूल एक होने के कारण वे परेशान हो गए थे। कॉमनवेल्थ से पहले उन्हें 19 से 29 मार्च तक होने वाले जूनियर विश्व कप में भाग लेना था लेकिन उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया नहीं तो वे किसी भी पेपर में बैठ नहीं पाते। उन्होंने सीबीएसई को पत्र लिखकर निवेदन किया कि बोर्ड समय निकलने के बाद भी पेपर देने की अनुमति दे जिसके बाद बोर्ड ने एक पेपर के लिए उन्हें अनुमति दे दी। पिछले साल 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में अनीश का नाम उभर कर सामने आया। नवंबर में अनीश ने कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में ओलिंपियन गुरप्रीत सिंह को काफी पीछे छोड़ते हुए सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। वहीं जून में वे विश्व रिकॉर्ड के साथ जूनियर वर्ल्ड चैंपियन बने थे। अनीश ने चैंपियनशिप के पहले दिन 579 शॉट्स के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के साथ ही गोल्ड जीता था।
14 Apr, 2018
आगे पढ़ऐगोल्डकोस्ट। देश के दो एथलीट ट्रिपल जंपर राकेश बाबू और पैदल चाल धावक इरफान कोलोतुम थोदि डोपिंग को 'नो नीडल्स' नीति उल्लंघन करने पर ऑस्ट्रेलिया के गोल्डकोस्ट में जारी राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने से रोक दिया गया है। उन्हें वापस भेजा जाएगा। राष्ट्रमंडल खेलों के संघ ने यह जानकारी दी। संघ के अध्यक्ष लुइस मार्टिन ने कहा कि एथलिट और तीन सदस्यीय अधिकारी बुधवार को इस संबंध में सुनवाई के लिए राष्ट्रमंडल खेल संघ के समक्ष पेश हुए थे। 'नो नीडल्स' नीति के तहत इन एथलीटों के खेलों में भाग लेने पर रोक लगा दी गई है और इन्हें वापस भेजा जाएगा।
14 Apr, 2018
आगे पढ़ऐगोल्ड कोस्ट। ऑस्ट्रेलिया में खेले जा रहे 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स का आज 9वां दिन है। 8वां दिन भारत के रेसलर्स के नाम रहा। 8वें दिन भारत ने रेसलिंग में 2 गोल्ड, 1 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। 8 दिन खत्म होने पर भारत पदक तालिका में तीसरे नंबर पर बना हुआ है। भारत ने 8 दिन में 14 गोल्ड, 7 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। पदक तालिका में 63 गोल्ड के साथ ऑस्ट्रेलिया पहले, जबकि 28 गोल्ड के साथ इंग्लैंड दूसरे नबंर पर है। 9वें दिन भारत को मुक्केबाजों से मेडल की उम्मीदें हैं। मैन्स 97 फ्रीस्टाइल के फाइनल में भारत के मौसम खत्री हार गए। मौसम खत्री को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा है। साउथ अफ्रीका के माटिक एरामुस ने इस इवेंट का गोल्ड मेडल जीता। सेमीफाइनल मुकाबले में हारने के बाद भारत की दिव्या काकरन ने फ्रीस्टाइल के 68 किलोग्राम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है। ब्रॉन्ज के लिए हुए मुकाबले में दिव्या ने बांग्लादेश की शिरीन सुल्ताना को मात देकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया है। वीमन फ्रीस्टाइल के 57 किलोग्राम कैटेगरी में पूजा को सिल्वर मेडल मिला है। फाइनल मुकाबले में पूजा को नाइजीरिया की ओडूनाया ने हरा दिया। मैन्स फ्री स्टाइल 65 किलोग्राम कैटेगरी में भारत के बजरंग पूनिया ने गोल्ड मेडल जीत लिया है। भारत के बजरंग पूनिया के सामने वेल्स के केन को हराकर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया। बजरंग के गोल्ड के बाद भारत के खाते में कुल 17 गोल्ड हो गए हैं।
14 Apr, 2018
आगे पढ़ऐनई दिल्ली। कॉमनवेल्थ गेम्स में आज नौवें दिन भारतीय महिला निशानेबाज तेजस्विनी सावंत ने भारत को 15वां गोल्ड पदक दिलाया है। तेजस्विनी ने महिलाओं की 50 मीटर राइफल पोजीशन-3 के फाइनल में पहला स्थान हासिल कर गोल्ड पर कब्जा जमाया और इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों का रिकॉर्ड भी बनाया। आपको बता दें कि इसी स्पर्धा में भारत की एक अन्य भारतीय बेटी अंजुम मोदगिल ने दूसरा स्थान हासिल कर रजत पदक जीता है। तेजस्विनी ने कुल 457.9 अंक हासिल करते हुए राष्ट्रमंडल खेलों का रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया, वहीं अंजुम ने 455.7 अंकों के साथ रजत पदक जीता। स्कॉटलैंड की सियोनेड मिकतोश को 444.6 अंकों के साथ कांस्य पदक हासिल हुआ है।
13 Apr, 2018
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