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Previousमाले। मालदीव में पिछले 45 दिनों से जारी इमरजेंसी हटा दी गई है। मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने कल इसका ऐलान किया। इससे पहले पिछले महीने यामीन का तख्तापलट करने की कथित कोशिश के लिए बुधवार को उनके वरिष्ठ राजनीतिक विरोधियों को अनिश्चतकालीन समय के लिए जेल में बंद कर दिया गया था।
यामीन ने 5 फरवरी को आपातकाल लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इमरजेंसी हटाने की घोषणा की, क्योंकि फैसले से उनपर महाभियोग का खतरा मंडरा रहा था। यामीन के ऑफिस ने एक बयान में कहा, "सामान्य स्थिति को बढ़ावा देने की कोशिश के तहत राष्ट्रपति ने इमरजेंसी हाटने का फैसला लिया है। हालांकि, राष्ट्रीय सुरक्षा पर अब भी कुछ खतरा बना हुआ है।" मालदीप में इमरजेंसी हटाए जाने के बाद विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका स्वतंत्र तरीके से काम कर रही है। भारत ने मालदीव में इमरजेंसी हटाने के फैसले का स्वागत किया है। हालांकि, भारत सरकार ने कहा, "वहां अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने जो चिंताएं सामने रखी थीं, उन्हें सुलझाया जाना बाकी है।" आपको बता दें कि भारत ने पहले भी मालदीव सरकार से इमरजेंसी हटाए जाने की मांग की थी, लेकिन माना जाता है कि चीन के प्रभाव में आकर मालदीव सरकार ने इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
2012 में पुलिस विद्रोह के बाद नाशीद को मजबूरी में पद छोड़ना पड़ा था। तभी से वहां राजनीतिक अस्थिरता का आलम है. सरकार पहले ही संसद को बर्खास्त कर चुकी है।इसके अलावा सेना को राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के खिलाफ महाभियोग लाने की कोशिश को अमल में लाने से रोकने के निर्देश दिए गए हैं। यामीन वर्ष 2013 से मालदीव की सत्ता संभाल रहे हैं। उन पर अमेरिका के साथ ही भारत की तरफ से भी लगातार पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को रिहा करने का दबाव है। नशीद को 13 साल जेल की सजा हुई थी।