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होशियारपुर। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में 6 हजार करोड़ के ड्रग मामले की सुनवाई के दौरान ईडी के अधिकारी निरंजन सिंह के वकील द्वारा कोर्ट को निरंजन सिंह को दी गई धमकियों की जानकारी से एक बार फिर अकाली नेता विक्रम सिंह मजीठिया विवाद में घिर गए हैं। अदालत में ईडी के अधिकारी निरंजन सिंह के वकील अनुपम गुप्ता जोकि साथ में अदालत की सहायता करने वाले भी वकील हैं ने जस्टिस सूर्यकांत को बताया कि ईडी के एक सबसे बड़े अधिकारी ने निरंजन सिंह को सस्पैंड करने की धमकी दी है। यही नहीं वकील बदलने के लिए धमका रहे हैं। ऐसे में अनुपम गुप्ता ने इशारों ही इशारों में विक्रम मजीठिया पर ही सवाल उठा दिए हैं।
आपको बता दें, जगदीश भोला और 6 हजार करोड़ ड्रग रैकेट में मजीठिया को 19 दिसंबर 2014 को उस समय के अस्सिटैंड डायरेक्टर निरंजन सिंह ने तलब है। लेकिन 19 की बजाए मजीठिया 24 दिसंबर को पेश हुए। जब मजीठिया जालंधर में ईडी के दफ्तर में पेश हुए तब उनके साथ चंडीगढ़ से भी एक ईडी का बड़ा अधिकारी जालंधर आया था। सूत्र बताते हैं कि उक्त अधिकारी ने निरंजन सिंह को बहुत सवाल भी नहीं करने दिए थे। मजीठिया से पूछताछ के तुरंत बाद 16 जनवरी 2015 को निरंजन सिंह का तबादला जालंधर से कोलकाता कर दिया गया था। हालांकि वे इसके खिलाफ कोर्ट चले गए तो हाईकोर्ट ने तबादले पर रोक लगाते हुए साथ ही यह भी कह दिया था कि निरंजन सिंह की ड्रग जांच वाले केस के साथ जुड़े रहेंगे। बता दें कि ईडी फाइनांस विभाग के अंतर्गत आता है।
चूंकि वित्त मंत्री अरुण जेटली हैं और उनकी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल और विक्रम सिंह मजीठिया से नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं। इसी कारण मजीठिया पर ईडी की जांच आगे नहीं बढ़ सकी। हालांकि ईडी की ओर से अभी तक भी विक्रम सिंह मजीठिया को क्लिन चीट नहीं दी गई है।