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Previous Nextअक्षय तृतीया 18 अप्रैल से चारधाम की यात्रा शुरू हो रही है। इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुल जाएंगे। इस साल ऐसा संयोग बना है कि केदारनाथ के कपाट अक्षय तृतीया के ठीक 11 दिन बाद अर्थात् 29 अप्रैल को और 12 दिन बाद 30 अप्रैल को बदरीनाथ के कपाट खुल रहे हैं।
बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोले जाने की तिथि बसंत पंचमी के मौके पर टिहरी के पूर्वराजाओं के महल में तय होती है, इसकी कोई निश्चित तिथि नहीं है। राजपुरोहितों द्वारा लग्न निकाले जाते हैं। इसमें सामान्यतः बैशाख माह की उपयुक्त तिथि देखी जाती है। पूर्व राजा की सहमति से निकाले गए दिनों में से शुभ दिन तय किया जाता है।
केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि केदारनाथ के रावल के निर्देशन में उखीमठ में पंडितों द्वारा तय की जाती है। इसमें सामान्य सुविधाओं के अलावा परंपराओं का ध्यान रखा जाता है। यही कारण है कि कई बार ऐसे भी मुहूर्त भी आए हैं जिससे बदरीनाथ के कपाट केदारनाथ से पहले खोले गए हैं। जबकि आमतौर पर केदारनाथ के कपाट पहले खोले जाते हैं।
इस बार तीर्थयात्रा को बेहतर बनाने के लिए तकनीक के उपयोग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य सरकार पंजीकरण व्यवस्था को यात्रियों के अनुकूल बनाने के कार्य कर रही है। ऋषिकेश से लेकर सभी धामों के बीच पड़नेवाले महत्वपूर्ण स्थानों पर पंजीकरण की व्यवस्था को प्रभावी बनाया जा रहा है। इससे बदरीनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए घंटो लाइन में खड़े रहने से मुक्ति मिलने की बात कही जा रही है।