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Previous Nextअगरतल्ला। त्रिपुरा में आज से भगवा राज शुरू हो गया। अगतला के असम राइफल्स मैदान में बिप्लब देब ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। इसी के साथ पूर्वोत्तर राज्य में बीजेपी की पहली सरकार का आगाज हुआ। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज का दिन त्रिपुरा के लिए दिवाली का दिन है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा की विकास यात्रा में अब दिल्ली साथ रहेगी। मोदी ने कहा कि अब तक त्रिपुरा जितना बार देश के प्रधानमंत्री नहीं आए उससे ज्यादा बार वह अब तक यहां पर आ चुके हैं।
शपथग्रहण समारोह में पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ ही लालकृष्ण आडवाणी समेत भाजपा के कई दिग्गज नेता यहां पर मौजूद थे। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार भी समारोह में शामिल हुए। बीजेपी-इंडीजीनियस पीपल्स पार्टी ऑफ त्रिपुरा( आईपीएफटी) गठबंधन ने पिछले हफ्ते आए चुनाव परिणामों में जीत दर्ज की और 25 बरस के माकपा नीत वाम शासन को उखाड़ फेंका। बीजेपी ने 35 सीटें जीतीं, जबकि आईपीएफटी के आठ सदस्य विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। राज्य में 60 सदस्यीय विधानसभा है। देबबर्मा की सीट पर चुनाव स्थगित हो गया था। वह चारिलम( अनुसूचित जनजाति) सीट सेचुनाव लड़ रहे थे और इस सीट पर माकपा प्रत्याशी की मौत की वजह से चुनाव नहीं हुआ। इस सीट पर अब 12 मार्च को चुनाव होगा। 48 वर्षीय देब ने छह मार्च को राज्यपाल तथागत राय से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। इसके बाद राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए उन्हें आमंत्रित किया। आइये जानते है सीएम बिप्लब देव के मंत्रिमंडल में शामिल चेहरे-
1. जिष्णु देव: बिप्लब देब के साथ ही जिष्णु देव ने भी मंत्री पद की शपथ ली। 15 मार्च को चारिलाम सीट से चुनाव लड़ेंगे जिष्णु देव। वह फिलहाल बीजेपी की विधायक नहीं है। वे आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और जनजाति मोर्चा के सह-संयोजक है।
2.एनसी देबबर्मा: प्रदेश के बड़े आदिवासी नेता माने जाते हैं। विधानसभा चुनाव में बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। वह त्रिपुरा में ऑल इंडिया रेडियो में भी काम कर चुके हैं।
3. रतनलाल: रतनलाल विधानसभा स्पीकर रेस में सबसे आगे। 5वीं बार विधायक बने है रतनलाल। इससे पहले 4 बार कांग्रेस टिकट पर विधायक चुने गए हैं रतनलाल। वे दमदार और साफ सुथरी छवि के नेता माने जाते हैं।
4. सुदीप रॉय बर्मन: कांग्रेस छोड़ने के बाद पहले सुदीप रॉय तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए और उसके बाद वह बीजेपी में आए। सुदीप रॉय कांगेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। वह त्रिपुरा विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके हैं।
5. मनोज कांति देब: मनोज कांति देब को भी बिप्लब सरकार में शामिल किया गया है। वह विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे।
6. मोवाड़ जमातिया: विधानसभा चुनाव में बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। आईपीएफटी के जनरल सेक्रेटरी और विधायक हैं। सरेंडर के बीद आईपीएफटी का दामन थामा। वे पूर्व में उग्रवादी संगठन से जुड़े थे।
7. संताना चकमा: चकमा जनजाति में अच्छी पकड़ होने की वजह से टिकट उन्हें दिया गया। लंबे समय तक चकमा जनजाति के लिए काम किया। त्रिपुरा में मजबूत मानी जानेवाली चकमा जनजाति में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है।