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Nextचेन्नई। अभी पीएनबी घोटाले की जांच पूरी भी नहीं हुई है कि सीबीआई ने एक और घोटाला पकड़ लिया है। सीबीआई ने चेन्नई के ज्वेलर कनिष्क गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ एसबीआई के नेतृत्व वाले 14 बैंकों के संघ के साथ 824 करेाड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। जांच एजेंसी ने केजीपीएल के कार्यालय के साथ ही चेन्नई में आरोपियों के कार्यालय और आवासीय परिसर पर छापे भी मारे। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा, "14 बैंकों के संघ की तरफ से एसबीआई की शिकायत पर 824.15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए कनिष्क गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों से संपर्क किया गया है और उन्हें जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है।"
एजेंसी ने कनिष्क गोल्ड प्राइवेट लि., इसके प्रवर्तक निदेशक भूपेश कुमार जैन, निदेशक नीता जैन, तेजराज अच्चा, अजय कुमार जैन और सुमित केडिया तथा कुछ अज्ञात सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। इस सिलसिले में कनिष्क गोल्ड प्राइवेट लि. के प्रवर्तकों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों पर छापेमारी की गई।
यह कंपनी सोने के आभूषण बनाती है। इनका विपणन क्रिज ब्रांड नाम से किया जाता है। एसबीआई ने सीबीआईको की गई अपनी शिकायत में कहा है कि कंपनी ने इन आभूषणों की बिक्री 2014 तक वितरकों के जरिये की। वर्ष 2015 में उसने अपना कारोबारी मॉडल बदलकर बी1 बी : बिजनेस टु बिजनेस: कर लिया और बड़े खुदरा आभूषण कारोबारियों को आपूर्ति शुरू की। इन ऋण खातों को 2008 में एसबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक से लिया था। इसकी बैंकिंग व्यवस्था को मार्च, 2011 में बदलकर बहु- बैंकिंग व्यवस्था कर दिया गया। एसबीआई का आरोप है कि यह धोखाधड़ी 824.15 करोड़ रुपये की है। इसके नुकसान की भरपाई के लिए सिक्योरिटी सिर्फ 156.65 करोड़ रुपये है।