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Previousधनबाद। पीएमसीएच में जूनियर रेजिडेंट (जेआर) के खाली पद पर प्रबंधन को डॉक्टर नहीं मिल रहा। बार बाद बहाली निकालने के बाद भी डॉक्टर इसमें दिलचस्पी नहीं ले रहे। अस्पताल में जेआर के 60 स्वीकृत पदों में 40 रिक्त पड़ा है। रिक्त पदों को भरने के लिए प्रबंधन ने बहाली निकाली थी। आवेदन करने की अंतिम तिथि पांच मार्च निर्धारित थी। अंतित तिथि तक मात्र 4 आवेदन आए थे। आवेदनों की कम संख्या को देखते हुए तिथि बढ़ाकर 15 मार्च की गयी। बढ़े हुए 10 दिनों में मात्र 2 डॉक्टरों ने आवेदन किया। यानी सिर्फ 6 डॉक्टरों ने पीएमसीएच में आने की इच्छा जतायी है।
अधिकारियों की मानें तो अन्य मेडकिल कॉलेजों की अपेक्षा पीएमसीएच में जेआर को पैसे काफी कम मिलते हैं। रिम्स में जेआर को प्रतिमाह 60 हजार रुपए दिए जाते हैं। वहीं पीएमसीएच में मात्र 32 हजार रुपए मिलता है। इससे ज्यादा पैसा नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) में संविदा की नौकरी में डॉक्टरों को दिया जा रहा है। वहां गृह जिला में काम करने के विकल्प के साथ 51 से 42 हजार रुपए मिलते हैं। जनवरी में 18 जेआर पीएमसीएच छोड़ एनएचएम ज्वाइन कर लिया था।
डॉक्टरों का ये भी कहना है कि पीएमसीएच में जेआर हॉस्टल नहीं होने के कारण डॉक्टर यहां नहीं आते। अधिकांश जेआर का उद्देश्य पीजी करना होता है। इसके लिए वे कैंपस में ही रहना पसंद करते हैं। ताकि काम के साथ उनकी पढ़ाई भी चलती रही। हॉस्टल नहीं होने के कारण यहां ऐसा नहीं हो पाता।