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आगरा। दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल देखने वालों के लिए जरूरी खबर है। प्यार की निशानी कहे जाने वाले ताजमहल का दीदार करना अब महंगा हो रहा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने निर्णय लिया है कि आगामी 1 अप्रैल से अब टिकट के लिए ज्यादा पैसे देने होंगे और टिकट की वैधता सिर्फ तीन घंटे तक के लिए होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसी साल 2 जनवरी को दिल्ली में एएसआई, केंद्रीय संस्कृति मंत्री और अन्य संबंधित अधिकारी की आयोजित हुई एक बैठक में ताजमहल की एंट्री फीस बढाए जाने को लेकर ये अहम फ़ैसला लिया गया था।
यह रहेगा शुल्क : 01 अप्रैल से ताजमहल की कंबाइंड एंट्री फीस 200 रुपए हो जाएगी। हालांकि, इस टिकट के साथ पर्यटक स्मारक और मुख्य मकबरा दोनों को देख पाएंगे। इसके अलावा एएसआई के अंतर्गत संरक्षित दूसरे स्मारकों को देखने की फीस भी 40 रुपए से बढा कर 50 रुपए कर दी गई है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री शर्मा ने कहा कि पर्यटकों की समय सीमा पर नजर रखने के लिए टिकट पर एक बार कोड होगा जिससे यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि पर्यटक तीन घंटे से अधिक ताजमहल परिसर में नहीं रह पाएं। उन्होंने ये भी बताया कि 15 साल की आयु तक के बच्चों और विद्यार्थियों के लिए ताजमहल में प्रवेश के लिए कोई टिकट नहीं लगेगा।
एएसआई के अधीक्षक पुरातत्त्ववेत्ता ने कहा, अब टिकट की समय सीमा को निर्धारित कर दिया गया है। अब ये समय सीमा केवल 3 घंटे होगी और अगर आप तीन घंटे से ज्यादा रुकते हैं तो आपको दूसरे टिकट के पैसे फाइन के रूप में भरने होंगे। फाइन के पैसे पर्यटक को एग्जिट गेट पर जमा करने होंगे। अधिकारियों के अनुसार, इस कदम के पीछे सरकार का मकसद पैसा कमाना नहीं, बल्कि ऐतिहासिक इमारतों और भवनों की सुरक्षा और बेहतर जन प्रबंधन सुनिश्चित करना है। बता दे, ताजमहल पर सबसे पहले 1966 में प्रवेश टिकट लगाया गया था। तब टिकट का मूल्य 20 पैसे था और यह इस वजह से लगाया गया था कि पर्यटकों की संख्या पता चल सके। उसके बाद साल 2000 में देशी और विदेशी पर्यटकों के टिकट के दाम अलग अलग कर दिए गए। इस वक्त भारतीयों के लिए 40 रुपए, विदेशियों के लिए 1000 रुपए और सार्क नागरिकों के लिए 530 रुपए का टिकट है।