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Nextनई दिल्ली। कल भारत और फ्रांस के बीच हिंद महासागर में रणनीतिकि सहयोग पर अहम घोषणा हो सकती है। आपकेा बता दें कि हिंद महासागर फिलहाल चीन की बढ़ती गतिविधियों की वजह से चर्चा का केंद्र बना हुआ है और ऐसे में भारत भी इस क्षेत्र में अपनी सुरक्षा को रणनीतिक कदम उठा रहा है। फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों आज भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। पीएम मोदी स्वयं राष्ट्रपति मैक्रों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त गुजारेंगे। मैक्रों मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी जाएंगे, जहां वह मिर्जापुर में उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सोलर पार्क की आधारशिला रखेंगे। वाराणसी में मोदी और मैक्रों की एक व्यक्तिगत भोज में भी बातचीत होगी। इसके पहले रविवार को इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) की पहली बैठक में भी दोनों नेता साथ रहेंगे।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हाल ही में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच गठबंधन बनाने की कोशिश शुरू हुई है। इसको लेकर चीन की तरफ से बेहद तीखी प्रतिक्रिया जताई गई है। फ्रांस के उच्चस्तरीय सूत्रों के मुताबिक, 'हम चार देशों के गठबंधन को लेकर खुले मन से सोच रहे हैं। लेकिन, फिलहाल हिंद महासागर में भारत के साथ रणनीतिक सहयोग पर ज्यादा ध्यान देना चाहते हैं। इसका मतलब यह नही है कि हम दूसरे विकल्पों के लिए रास्ता बंद कर रहे हैं।'
आपको बता दें कि फ्रांस ने भारत को 1998 में तब रणनीतिक साझेदार बनाया था, जब परमाणु परीक्षण की वजह से अधिकतर देशों ने भारत पर प्रतिबंध लगाया था। सूत्रों के मुताबिक फ्रांस और भारत के बीच नए रणनीतिक रिश्तों का आयाम ज्यादा व्यापक व वैश्विक होगा। फ्रांस भारत को एक अहम वैश्विक शक्ति के तौर पर देखता है। उसी हिसाब से समझौता भी किया जाएगा।