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नई दिल्ली। भारत 5G टेक्नोलॉजी के रोडमैप को लेकर इस साल जून तक पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। यह बात टेलिकॉम सेक्रेटरी अरुणा सुंदरराजन ने कही। उन्होंने कहा कि भारत को डिजिटल करने के प्रयासों को पूरा करने में 5G टेक्नोलॉजी अहम भूमिका अदा करेगी। इस क्रम में देश को 5G के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए सरकार उद्योग, अकादमिक क्षेत्र और स्टार्टअप समुदाय समेत सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रही है।
दूरसंचार उद्योग संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि- ''इस मामले में उच्च स्तरीय फर्म ने काम करना शुरू कर दिया है। इसमें वैश्विक विशेषज्ञ, उद्योग विशेषज्ञ, आईआईटी, आईआईएससी को शामिल किया गया है। जून तक भारत के पास 5G को लेकर पूरा रोडमैप तैयार होगा।'' उन्होंने आगे कहा कि उच्च-स्तरीय मंच 5G की परिकल्पना, लक्ष्य और रूपरेखा पर विचार कर रहा है। वह स्पेक्ट्रम नीति, नियामकीय व्यवस्था, पायलट कार्यक्रमों और परीक्षण स्थल से संबंधित क्षेत्रों पर भी विचार करेगा।
काफी समय से 5G को लेकर न सिर्फ चर्चाएं हो रही हैं, बल्कि इस ओर तेजी से काम भी जारी है। नेक्स्ट- जनरेशन वायरलेस टेक्नोलॉजी 5G पर ही आधारित होने वाली है। 5G 10 गुना ज्यादा तेज स्पीड देने के साथ-साथ डाटा ट्रांसफर में भी कम समय लेगा। अधिकतर मोबाइल कंपनियां 5G को अपने मोबाइल फोन्स में 2020 तक लाने की प्रक्रिया में है। लेकिन इस टेक्नोलॉजी को लाने में कई अड़चने हैं जैसे कि उच्च स्पेक्ट्रम कीमतें, बारिश-पेड़ों-फॉग से परेशानी, नेटवर्क स्टैण्डर्ड आदि की मुश्किलें।
5जी तकनीक की शुरुआत साल 2010 में हुई। इसे मोबाइल नेटवर्क का पांचवी पीढ़ी कहा जाता है। यह 'वायरलेस बर्ल्ड वाइड वेब' (मोबाइल इंटरनेट) को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस तकनीक में बड़े पैमाने पर डेटा का आदान-प्रदान किया जा सकता है। इसमें एचडी क्वालिटी का वीडियो के साथ मल्टीमीडिया न्यूजपेपर प्रसारित की जा सकती है। साथ ही इस तकनीक से वीडियो कॉलिंग के क्षेत्र में क्रांति आ जाएगी। इस तकनीक में अल्ट्रा हाइ डेफिनिशन क्वालिटी की आवाज का प्रसारण किया जा सकता है। इस तकनीक में 1Gbps से अधिक स्पीड से डेटा की आवाजाही हो सकती है। हालांकि अभी तक इसकी अधिकतम स्पीड डिफाइन नहीं की गई है, क्योंकि अभी यह कांसेप्ट के दौर में है और इस पर काम चल रहा है।
इस तकनीक की सबसे बड़ी खूबी रियल टाइम में बड़े से बड़े डेटा का आदान-प्रदान होगा। साथ ही यह तकनीक संवर्धित वास्तविकता (अगर्मेंटेड रियलिटी) के क्षेत्र में नया रास्ता खोलेगी, यानि इसके माध्यम से फोन कॉल पर आप बिल्कुल आमने-सामने बात कर पाने में सक्षम होंगे। विभिन्न साइंस फिक्शन और फंतासी कथाओं में जिस प्रकार व्यक्ति आपके आगे आभासी रूप में उपस्थित हो जाता है और आप उससे आमने-सामने बात करने में सक्षम होते हैं। इस तकनीक से ऐसा करना संभव हो सकेगा। अनुमान के मुताबिक 5जी तकनीक साल 2020 तक धड़ल्ले से प्रयोग में आने लगेगी।