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Previous Nextकर्नाटक में बेल्लारी जिले के हंपी का हनुमान मंदिर यंत्रोद्धारक हनुमान कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार यही क्षेत्र प्राचीन किष्किंधा नगरी कहलाता है। रामायण में भी इस स्थान का वर्णन वानरों के विशाल साम्राज्य के रूप में मिलता है। आज भी यहां मौजूद कई गुफाएं इसका प्रमाण मानी जाती हैं। यहां पर श्रीराम नवमी से तीन दिन तक विशाल उत्सव मनाया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि हनुमानजी जी के जन्म स्थाेन किष्किंधा नगरी में ही हनुमान जी और राम जी की पहली बार भेंट हुई थी। कुछ स्थानों पर ऐसा जिक्र भी मिलता है कि लंका से अयोध्या लौटते हुए श्रीराम ने लक्ष्मण व सीता के साथ पुष्पक विमान में आते हुए उन्हें उन स्थानों के बारे में बताया जहां वे रुके थे या कोई विशेष कार्य किया था, उस दौरान उन्होंने किष्किंधा और हनुमान का जिक्र भी किया था।
वापसी में श्रीराम ने एक रात्रि यहां विश्राम भी किया था। मौजूदा दौर में कर्नाटक का कोप्पल और बेल्लारी जिले का क्षेत्र ही तत्कालीन किष्किंधा नगरी था। इस स्थाान पर ब्रह्माजी का बनाया हुआ पम्पा सरोवर, हनुमानजी की जन्मस्थान आंजनाद्रि पर्वत, बाली की गुफा और ऋषम्यूक पर्वत भी मौजूद है।