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Nextनई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर विपक्ष को एकजुट करने की कवायद के सिलसिले में कल कांग्रेस की चेयरपर्सन सोनिया गांधी द्वारा डिनर पार्टी का आयोजन किया गया था। इस डिनर पार्टी में विपक्ष की अधिकांश पार्टियां मौजूद थीं। सोनिया के डिनर में सोनिया की मेज पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह दाहिनी ओर बैठे थे, तो बाईं और थे 'हम' पार्टी के दलित मुसहर नेता जीतन राम मांझी।
सोनिया के इस सियासी डिनर में इस बात का खास ख्याल रखा गया कि जो भी आए वह भविष्य में सियासत का संकेत लेकर जाए। इसलिए भविष्य के लिहाज से सोनिया की टेबल पर अगर मांझी थे तो राहुल की टेबल पर वो थे जो राहुल के नेतृत्व को लेकर भविष्य में परेशानी पैदा कर सकते हैं और वो हैं एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार। मराठा क्षत्रप शरद पवार राहुल गांधी की बगल की सीट पर मौजूद थे। इतना ही नहीं दूसरी बड़ी सियासी प्लेयर मायावती के सिपहसालार सतीश चंद्र मिश्र भी राहुल की ही मेज पर बैठे थे। शरद पवार और मायावती के बाद सबसे बड़ी खिलाड़ी ममता बनर्जी थी। हालांकि ममता बनर्जी खुद तो नहीं आईं लेकिन उन्होंने अपने करीबी सुदीप बंदोपाध्याय को भेजा। सुदीप बंदोपाध्याय सोनिया गांधी के सिपहसालार अहमद पटेल की मेज पर बैठे थे। वैसे ममता केसीआर के साथ मिलकर तीसरे मोर्चे की कवायद में भी जुटी हैं, लेकिन सोनिया के बुलावे पर अपना नुमाइंदा भेजकर उन्होंने मोदी के खिलाफ कांग्रेस की धुरी वाले मोर्चे की संजीदगी को जिंदा रखा। वैसे इस डिनर में खुद सोनिया ने मैन्यू तैयार किया था। इस बात का खास ख्याल रखा गया था कि कुछ नेता केरल- बंगाल से आएंगे, तो कुछ यूपी-बिहार से, वहीं कुछ कश्मीर से होंगे। इसीलिए वेज-नॉन वेज सूप के बाद पनीर की सब्जी, छोले- चने और दाल वेज के व्यंजन में रखे गए थे। वहीं मटन और चिकन के साथ बंगाल- केरल के नेताओं के मद्देनजर झींगा मछली भी थी। इसके बाद बात मीठे की आई तो रबड़ी, जलेबी, रसगुल्ला और आइसक्रीम मौजूद थे।
आखिर में उत्तर भारतीयों के लिए मीठे पान का इंतजाम था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर से आये उमर अब्दुल्ला का खास ख्याल रखते हुए कहवे का भी इंतजाम था, जिसका जायका खाने के साथ झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने खूब लिया। वहीं, चेन्नई से आने वाली कनिमोझी के लिए डोसा स्पेशल डिश थी। साथ ही झारखंड से आए राज्य के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने बताया कि हमारे लिए तो पान ही जोरदार था। पान की तारीफ करने वालों में लालू यादव के बेटे तेजस्वी और बेटी मीसा भारती भी शामिल रहे।
खास बात ये रही कि सोनिया ने 19 दलों के हर आने वाले नेता को खुद गेट पर जाकर रिसीव किया। इसके बाद ममता, अखिलेश, मायावती के नुमाइंदों से उनके नेताओं का हाल जाना। खुद राहुल ने भी सोनिया के इसी कदम को फॉलो किया, जो बड़े नेता नहीं आये उनके नुमाइंदों से उनके नेता का हाल पूछा। साफ था कि सोनिया के साये में राहुल का नेतृत्व तलाशने की कोशिश इस डिनर में रही। लेकिन पहले किसी जल्दबाजी की बजाय सोनिया के नाम पर इकट्ठा होकर मोदी सरकार को उखाड़ने का बिगुल बजाने की आवाज जरूर नजर आई। खासकर, यूपी के धुर सियासी विरोधी सपा के रामगोपाल यादव और बसपा के सतीश मिश्र की फोटो ने सभी को हैरान कर ही दिया।