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नई दिल्ली। गत 12 दिनों से राज्यसभा में चल रहा गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने इस गतिरोध को दूर करने का भरसक प्रयास किया लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यसभा में सदन के नेता अरुण जेटली, नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद और तमाम पार्टियों के नेताओं से बात कर ली। सूत्र बताते हैं कि कल सुबह जब संसद में अपने कक्ष में वेंकैया नायडू ने देखा कि रोजाना की सर्वदलीय बैठकों से बात नहीं बन रही है तो उन्होंने दुख जताते हुए तमाम नेताओं को संदेश दे दिया कि जब 12 दिनों से लगातार गतिरोध बरकरार है तो ऐसे में कल यानि आज शाम को भोज का आयोजन अब सही नहीं होगा। वेंकैया नायडू ने राज्यसभा के तमाम सांसदों को 21 मार्च को रात्रि भोज पर बुलाया था। सूत्र बताते हैं कि 21 मार्च के डिनर की पूरी तैयारियां कर लीं गयीं थीं। वेंकैया नायडू ने राष्ट्रपति कोविंद, पीएम मोदी, नेता सदन जेटली और नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद से बात कर ली थी। न्यौते के लिए कार्ड भी भेजे जाने थे। सोमवार तक वेंकैया नायडू ने इंतजार किया कि सदन सुचारू रूप से चलने लगे। लेकिन जब गतिरोध तोड़ने को कोई तैयार नहीं दिखा तो फिर आयोजकों ने भोज को रद्द करना ही बेहतर समझा।
खास बात ये कि सांसदों के लिए बेहतरीन दक्षिण भारतीय भोजन तैयार करने के लिए आंध्र प्रदेश से विशेष रसोइए बुलाए गए थे ताकि सांसद गतिरोध भूलकर जायके का मजा उठा सकें। लेकिन सोमवार रात उन्हें अपनी ट्रेन की टिकटें रद्द करवाने का आदेश दे दिया गया। पिछले हफ्ते ही राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने इसी गतिरोध से नाराजगी जताते हुए सांसदों के एक बैडमिंटन टूर्नामेंट का उद्घाटन करने से इनकार कर दिया था।