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Previousमुंबई। महाराष्ट्र के दहानु गांव की दो बहनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, नेकिन इस दुख की घड़ी में भी उन्होंने जिस तरह तरह का जब्बा दिखाया वह सलाम करने लायक है। दोनों बहनों के बोर्ड एग्जाम चल रहे हैं। पिछले रात को उनके किसान पिता की लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनके घर में चीख पुखार मची थी और अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही थीं। दोनों के भी आंसू नहीं थम रहे थे इसके बावजूद दोनों बहनों गजब का जज्बा दिखाते हुए पिता के अंतिम संस्कार के दिन परीक्षा दी।
घटना मुंबई से 127 किलोमीटर दूर दहानु गांव की है। विनोद चौधरी नाम के 45 वर्षीय किसान की मौत लंबी बीमारी के बाद सोमवार को हो गई। विनोद अपने पीछे पत्नी, दो बेटियां पूजा और दीपिका और उनके दो छोटे लड़के छोड़ गए हैं। विनोद का अंतिम संस्कार मंगलवार को होना था लेकिन मंगलवा को ही पूजा और दीपिका का भूगोल का आखिरी पेपर था। दोनों 12वीं क्लास की छात्रा हैं। मंगलवार को दोनों का आखिरी पेपर था। दोनों घटना के बाद परीक्षा न देने के लिए अपने चाचा के साथ कॉलेज गईं और प्रिंसिपल को पूरी घटना बताई। लेकिन प्रिंसिपल और उनके टीचर हिम्मत बंधाया और परीक्षा न छोड़ने की सलाह दी। उन्होंने दोनों बहनों को समझाया कि यदि वह सारी परीक्षाएं देने के बाद आखिरी पेपर छोड़ती हैं तो उनका पूरा साल बर्बाद होगा, इसलिए उनके लिए परीक्षा देना बेहतर होगा। चूंकि दोनों का एग्जाम सेंटर होम कॉलेज से दूरे दूसरे कॉलेज में था इसके उनके स्कूल के टीचरों फौरन अपनी बाइक में बैठाकर दोनों को परीक्षा केंद्र पर छोड़ने गए और हौसला बंधाकर परीक्षा दिलाई। बताया जा रहा है कि उनके पिता जिस वक्त गांव में अंतिम संस्कार हो रहा था उस वक्त दोनों बोर्ड परीक्षा सवालों के जवाब लिख रही थीं। छात्राओं ने स्थानीय मीडिया को बताया कि पेपर के दौरान वह बहुत भावुक हो रही थीं लेकिन किसी तरह से परीक्षा दी ताकि उनका एक साल खराब न हो।