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Previousपंचकूला। इस लड़की को देखिए, इन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट करके कुछ ऐसा कह दिया कि हिल गए सभी, आप भी हैरान रह जाएंगे पढ़कर।
विकलांगों को अब दिव्यांग कहा जाने लगा है, लेकिन इस सम्मानजनक संबोधन से उनकी समस्याओं में कोई कमी नहीं आई है। इसका ताजा उदाहरण पंचकूला के ताऊ देवीलाल खेल परिसर में देखने को मिला। यहां आयोजित 18वीं नेशनल पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप में देश के अलग-अलग राज्यों से हिस्सा लेने पहुंचे सैकड़ों दिव्यांग खिलाड़ियों के साथ अव्यवहार हो रहा है।
विकलांगों को अब दिव्यांग कहा जाने लगा है, लेकिन इस सम्मानजनक संबोधन से उनकी समस्याओं में कोई कमी नहीं आई है। इसका ताजा उदाहरण पंचकूला के ताऊ देवीलाल खेल परिसर में देखने को मिला। यहां आयोजित 18वीं नेशनल पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप में देश के अलग-अलग राज्यों से हिस्सा लेने पहुंचे सैकड़ों दिव्यांग खिलाड़ियों के साथ अव्यवहार हो रहा है।
दिल्ली से पैरा एथलेटिक मीट में हिस्सा लेने पहुंची इंटरनेशनल दिव्यांग खिलाड़ी सुवर्णा राज ने खुलासा किया। सुवर्णा ने बताया कि वह दिल्ली से इस इवेंट में हिस्सा लेने के लिए शनिवार की दोपहर बाद तीन बजे पंचकूला में पहुंच गईं थी, लेकिन जहां उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है, वहां के शौचालय का गेट इतना छोटा है कि वहां कोई भी दिव्यांग खिलाड़ी शौचालय के अंदर व्हील चेयर लेकर नहीं जा सकता। सुवर्णा ने बताया कि इस वजह से दोपहर तीन बजे से लेकर रात बारह बजे तक शौचालय नहीं जा पाईं। देर रात सड़क पर उतरी तो आयोजकों ने मामले को दबाने के लिए पंचकूला सेक्टर-14 में शनिवार की रात को ही व्यवस्था करवाई, तब जाकर उन्हें कुछ राहत मिली। इसके बाद दिव्यांग सुवर्णा राज ने पीएम को ट्वीट कर अपनी समस्याओं के बारे में जानकारी दी। उनका कहना है कि इतने बड़े आयोजन में सिर्फ वो ही नहीं बल्कि सैकड़ों खिलाड़ी भी परेशान हो रहे हैं। सुवर्णा राज ने ‘राइट्स ऑफ पर्सन विद डिसेबिलिटी बिल - 2016’ का उदाहरण देते हुए कहा कि दिव्यांग खिलाड़ियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है और उनको जमीन पर रेंगने वाले कीड़े-मकोड़ों की तरह देखा जाता है। इन खिलाड़ियों के लिए ना तो पर्याप्त शौचालय हैं और ना ही रहने की सुविधाएं नियमों के अनुकूल हैं।