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Previousपाकिस्तानी मीडिया में पुलवामा आतंकी हमले पर अपनी बेशर्मी की हदें पार कर दी है। पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक अखबारों ने सुर्खियों के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के शहीद 49 जवानों पर हमला करने वाले आत्मघाती हमलावर को स्वतंत्रता सेनानी करार दिया है। साथ ही रंक्तरंजित घटना को पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर के खिलाफ जवाबी हमला बताया है, इससे भारत में जनाक्रोश फूट पड़ा है।
कहा जाता है कि भारत जवाबी हमले को अपना अधिकार बताते हुए सैन्य कार्रवाई के विकल्पों पर विचार कर रहा है, ऐसे में पुलवामा हमले तक इमरान खान सरकार के हावभाव को सिलसिलेवार ढंग से एक साथ जोडक़र देखा जा सकता है।
दोनों देशों के बीच कूटनीतिक मनमुटाव पहले ही हो चुका था, क्योंकि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की कश्मीरी अलगाववादियों से फोन पर बातचीत पर नई दिल्ली की ओर से कड़ी आपत्ति जाहिर की गई थी। उन्होंने लंदन में कश्मीरी एकता के एक कार्यक्रम की भी अगुवाई की थी, जिसका भारत ने कड़ा विरोध किया था।
इमरान खान ने कहा कि भारत अल्पसंख्यकों के साथ दोयम दर्जे के नागरिक जैसा बर्ताव करता है, जिस पर नई दिल्ली ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। अधिकारियों ने यहां बताया कि इन परिदृश्यों के पीछे इस्लामाबाद भारत को नुकसान पहुंचाने की रणनीतिक चाल चल रहा है। भारत का आकलन है कि इमरान खान पाकिस्तान के शक्तिशाली सैन्य प्रशासन से प्रेरित नीति पर चल रहे हैं, क्योंकि सेना ने उनको प्रधानमंत्री बनने में मदद की। पाकिस्तानी सेना की जम्मू एवं कश्मीर में आत्मघाती हमले करके दहशत पैदा करने की योजना है। इस तिकड़म का इस्तेमाल ईरान में भी किया जा रहा है।